(कविता)
माटी के उस ढेर से ,आओ चीज नवीनता से सने ।
बाँटकर खुशियाँ दुखियारों में,आओ किसी के लिए सांता बने।।
जीवन की राह कठिन हैं,साहस व धैर्य से जीवन में प्रवीणता चुने।
धोकर गम की काली स्याही,आओ किसी के लिए सांता बने।।
प्यार का तोहफा दे सभी को,भय व चिंतामुक्त ख्वाब बुने।
अंधेरे गलियारे में दिया जलाकर,आओ किसी के लिए सांता बने।।
हौसलों को अपने रुकने मत देना,बादल आए चाहे कितने भी घने।
सूखे में तू बारिश करदे, फिर से चलो "सांता बने"।
@IamSantyKool